प्रतापगढ़

सोशल मीडिया पर फेम के चक्कर में युवक ने की हैवानियत, इंस्टाग्राम रील्स के लिए कुत्ते को पीटा

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चित्तौड़गढ़ – आज के दौर में सोशल मीडिया की चमक-दमक और वर्चुअल फेम की होड़ ने इंसान को इस हद तक पहुंचा दिया है कि वह संवेदनाओं को ताक पर रखकर कुछ भी करने को तैयार है। ऐसी ही एक घटना चित्तौड़गढ़ जिले से सामने आई है, जहां एक युवक ने इंस्टाग्राम पर ज्यादा व्यूज़ और फॉलोअर्स पाने के लिए एक बेजुबान कुत्ते के साथ बर्बरता की हदें पार कर दी।

इंस्टाग्राम रील्स के लिए कुत्ते से मारपीट

6 अप्रैल को वायरल हुआ एक वीडियो, जिसमें एक युवक एक कुत्ते को बेरहमी से पीटता हुआ नजर आया। यह वीडियो जैसे ही पर्यावरण प्रेमी और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल को इसकी सूचना दी।

वीडियो की गंभीरता को देखते हुए एसपी बंसल ने तुरंत जिला साइबर सेल को जांच के निर्देश दिए। जांच के दौरान आरोपी की पहचान दिनेश मीणा के रूप में हुई, जो कि भणावता (थाना केसरियावाद क्षेत्र) का निवासी है। वह सोशल मीडिया पर ‘दिनु टिमली’ नाम से रील्स बनाकर पोस्ट करता था।

सोशल मीडिया फेम की अंधी दौड़

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में दिनेश मीणा ने कबूल किया कि उसने ये वीडियो ज्यादा व्यूज और फॉलोअर्स पाने के मकसद से बनाया था। यह स्वीकारोक्ति यह दिखाती है कि किस तरह सोशल मीडिया का नशा युवाओं को संवेदनहीन बना रहा है।

इस बर्बरता पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएसएस) की धारा 126 और 170 के तहत केस दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई की निगरानी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबतसिंह और वृत्ताधिकारी नानालाल सालवी ने की।

पशु क्रूरता के खिलाफ कड़ा संदेश

यह घटना न केवल सोशल मीडिया के काले सच को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पशुओं के खिलाफ हिंसा को अब समाज और कानून किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। पशु प्रेमियों की सजगता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक स्पष्ट संदेश गया है कि फेम के लिए अपराध नहीं किया जा सकता

हमारे समाज की जिम्मेदारी

ऐसी घटनाओं से यह ज़रूरी हो जाता है कि हम सोशल मीडिया पर कंटेंट को देखते समय समझदारी और संवेदनशीलता के साथ प्रतिक्रिया दें। केवल फॉलोअर्स या लाइक्स के लिए अगर कोई पशु क्रूरता, मानवाधिकार हनन या अश्लीलता फैलाता है, तो उसे रिपोर्ट करना और पुलिस तक जानकारी पहुंचाना हमारी ज़िम्मेदारी बनती है।

क्या कहता है कानून?

भारतीय कानून के तहत पशुओं के साथ क्रूरता करने पर कड़ा जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत ऐसे मामलों में तुरंत गिरफ्तारी संभव है।

निष्कर्ष

सोशल मीडिया आज के युवाओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन यह ज़रूरी है कि इसकी लत उन्हें अपराध की ओर न धकेले। सोशल फेम से ज़्यादा जरूरी है संवेदनशीलता, नैतिकता और कानून का पालन


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